भीड़ में अकेला....

 
 ● भीड़ में अकेला....
 
 ● कैसा लगता है जब आपके चारों ओर जमघट लगा हो और तब भी आप अपने आप को पूर्णतया अकेला पाते हैं.....? जिन्हें अपना समझ रहे हों उन्हें अजनबी पाना , सच बड़ा पीड़ादायक होता है..... आसान नहीं है इस अहसास या इस नकली भीड़ के साथ जीना.....
● हाँ आज थोडा सा अपसेट हूँ..... या शायद थोडा सा और.....

जोगी    :(     ( 02-07-2011 )
.
भीड़ में अकेला....SocialTwist Tell-a-Friend

Comments

6 Responses to “भीड़ में अकेला....”

sumeet "satya" said...
5 July 2011 at 12:42 pm

कितने अजीब रिश्ते यहाँ के
दो पल मिलते हैं साथ\-साथ चलते हैं
जब मोड़ आए तो बचके निकलते हैं

यहाँ सभी अपनी ही धुन में दीवाने हैं
करें वोही जो अपना दिल ठीक माने है
कौन किसको पूछे कौन किसको बोले
सबके लबों पर अपने तराने हैं
ले जाए नसीब किसको कहाँ पे
कितने अजीब रिश्ते यहाँ के

ख़्वाबों की ये दुनिया है ख़्वाबों में ही रहना है
राह लिये जाए जहाँ संग\-संग चलना है
वक़्त ने हमेशा यहाँ नये खेल खेले
कुछ भी हो जाए यहाँ बस खुश रहना है
मंज़िल लगे क़रीब सब को यहां पे

कितने अजीब रिश्ते यहाँ के.........

Unknown said...
5 July 2011 at 1:18 pm

▬● सुमित जी , बहुत खूबसूरत गाना है दोस्त......

Unknown said...
8 July 2011 at 10:21 pm

जोगी जी ..
बहुत ही सुन्दर है आपकी भावनाओं का संसार ...
आता रहूँगा बार बार.....
सादर अभिनन्दन कीजिये स्वीकार ...

Unknown said...
8 July 2011 at 11:32 pm

▬● श्री भईया , उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद...... :)

30 July 2011 at 2:01 pm

आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं!

Unknown said...
3 August 2011 at 11:50 pm

▬● कविता जी , शुभकामना के लिए बहुत-२ धन्यवाद.....

(my business site ☞ http://web-acu.com/ )

Post a Comment

Note : अपनी प्रतिक्रिया देते समय कृपया संयमित भाषा का इस्तेमाल करे।

▬● (my business sites..)
[Su-j Health (Acupressure Health)]http://web-acu.com/
[Su-j Health (Acupressure Health)]http://acu5.weebly.com/
.

Related Posts with Thumbnails