● जब तक लोकपाल की पालना हमेशा तक के लिए निश्चित नहीं कर दी जाती तब तक मेरे लिए लोकपाल भी पुराने कानूनों की तरह से रद्दी कागज हैं जिन्हें रखने से कोई फायदा नहीं जबकि उसे बेच देने से किसी को एक दो वक्त का खाना जरुर मयस्सर हो जाना है.....
● सो काहे का जश्न.....?
● सही बात कभी भी कही जा सकती है....... इन लोगों ने गाडी तो चला ली है मगर पेट्रोल और मैप साथ लेना भूल गए हैं....... केवल लोकपाल क्या तीर मार लेगा जब तक कि जनता और शासन तंत्र दोनों में मन से जागरूकता ना आ जाये.......? इन्हें आन्दोलन कागज पास करवाने से आगे तक के लिए छेड़ना चाहिए था.......
● जोगेन्द्र सिंह Jogendra Singh
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