सूरत और सीरत



● सूरत और सीरत

काहे पड़े तुम सूरत सीरत की माया में ?
न फरक मिले , मिले फरक तो क्या ?
अरे कहते हम तुम खाते नाहक ही धोखा,
क्यूँ हो खाते तुम धोखा जब दीदे पायें तुमने चार ?
चेहरे पे दो , दो दिल में बसाये बैठे हो,
क्या न होगा बेहतर खोल के मन की आँख,
कर लेते अंतर दूर , बीच से सीरत और सूरत के...

जोगेन्द्र सिंह Jogendra Singh (14-10-2011)

(my business site ☞ http://web-acu.com/)
.
सूरत और सीरतSocialTwist Tell-a-Friend

Comments

No responses to “सूरत और सीरत”

Post a Comment

Note : अपनी प्रतिक्रिया देते समय कृपया संयमित भाषा का इस्तेमाल करे।

▬● (my business sites..)
[Su-j Health (Acupressure Health)]http://web-acu.com/
[Su-j Health (Acupressure Health)]http://acu5.weebly.com/
.

Related Posts with Thumbnails