ये मेरी उदासी



ये मेरी उदासी ● ©

मन के कोने में जा बसी, खामोश सी उदासी,
ह्रदय की देहलीज पर, टहलती सी उदासी,
बाग के कोने में, पतझड़ के पत्ते सी उदासी,
बगिया की सूनी, अबोली चहक सी उदासी ||

तुम्हारे चहरे पर, बरसते मातम सी उदासी,
जोकर की मुस्कान के पीछे झांकती सी उदासी,
तो कभी खोने के मातम तले दबी सी उदासी,
रूखे चुप बेजुबान चेहरे से झांकती सी उदासी ||

काँच की बनी कंचियों सी, लुढकती सी उदासी,
तो कभी मन के विद्रोह जैसी, होती चली उदासी,
असमंजस से उपजी, पीड़ा सी दिखती उदासी,
तो है कभी हाथ आये, फिसले सपने सी उदासी ||

जोगेन्द्र सिंह Jogendra Singh (30-11-2011)
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● बुतपरस्त ●

चोट दी थी जिस पत्थर से कभी,
उसी पत्थर से बने बुत की,
कर रहे हैं आज वो बुतपरस्ती,
कि बुत से बनी वो शक्ल हमारी थी...

● जोगेन्द्र सिंह Jogendra Singh (जोगी) (23-11-2011)

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