● दो बूँद का सागर ● (01-01-2015)
बेबसी अब हद से गुजरने लगी है
शब्द अब तुम तक पहुँच न पाते हैं,
आँखें बेशक काबिल हैं समझाने में,
उफ़ पर्दा आँखों पर चढ़ाये बैठी हो,
दो बूँद लिखते में अच्छी लगती है,
क्या करूँ मोटू मगर.
अब आँखों में दरिया उमड़ आता है... jogi (jc)
● Jogendra Singh - जोगेन्द्र सिंह