दर पे मेरे ::: ©
दर पे मेरे ::: ©
सारी जिंदगी अकेला बैठा हुआ हूँ,
पलकें बिछाए हुए तेरे इंतज़ार में,
न जाने कब इस रात की सुबह हो,
और दर पे नाचीज़ के तू आ जाये..
_____जोगेन्द्र सिंह Jogendra Singh (28 Nov 2010)
.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Jogendra Singh ~ जोगेंद्र सिंह..
Comments
One response to “दर पे मेरे ::: ©”
वो आ तो जायें मगर, इन्तेज़ार ही कम है....
Post a Comment
Note : अपनी प्रतिक्रिया देते समय कृपया संयमित भाषा का इस्तेमाल करे।
▬● (my business sites..)
● [Su-j Health (Acupressure Health)] ► http://web-acu.com/
● [Su-j Health (Acupressure Health)] ► http://acu5.weebly.com/
.