● काश.. ये बुढिया जवान होती..!! ●
कोई बुढिया अगर चिलचिलाती धूप में ट्रैफ़िक सिग्नल पर कुछ बेचती नजर आ जाए तो इसे कोई कैसे रोक सकता है जब इसके अपने ही इसे बाहर का रास्ता दिखा चुके हों... रेयर केस में इनकी मज़बूरी परिवार चलाना रहती होगी वरना अक्सर घरेलू मानसिक अवहेलना या प्रताड़ना ही एक कारण हो सकती है जिसके चलते ऐसे लाचारों को पेट की खातिर आराम करने की उम्र में भी काम करना या सामान बेचना पड़ता होगा... जो कारें इनको इग्नोर करके चल देती हैं उनकी अपनी समस्याएं होंगी... किसी के काँच गहरे होंगे तो किसी के गोगल्स गहरे कलर के रहे होंगे... वहीं अपने मतलब की चीजें गहरे काँच के पीछे से देखने की कला सभी सीख जाते हैं... काश...ये बुढिया जवान होती.....
● जोगी ..... :'(
( 21-04-2012 )
( 21-04-2012 )
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Comments
3 Responses to “काश.. ये बुढिया जवान होती..!!”
:-(
सादर
अनु
अब जाकर पता चला है, कि एक्सप्रेशन कौन है.......
थैंक्स अनु ....... ये दुनिया का कॉमन ढर्रा है.........
ऐसे ही चलता है , और चलेगा भी........
karara vyangy
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