जिंदगी..©
जाने कितने रंग दिखावे है यह जिंदगी..
बिखेरने थे उसे जो हमसे चाहे ये जिंदगी..
माया फैला फँसा हमको देती है ये जिंदगी..
इशारों पर अपने है नाचती ये जिंदगी..
ना चाहें पर अपना बोझ लदाती है जिंदगी..
अनचाहे ही हम पर गहराती है ये जिंदगी..
कैसे पायें आज़ादी हम पे हावी है ये जिंदगी..

_____जोगेन्द्र सिंह Jogendra Singh (07 दिसंबर 2010)

Photography for both pictures :- Jogendra Singh

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