
तुम्हारा ना होना या..
मधुर सम्मोहन दूर से तुम्हारा..
चाहे बसा क़दमों तले सारा जहाँ..
अहसास हूँ मैं..
जाना कहाँ है तुम्हें..?
स्वप्न लोक ही सही..
पाओगे सदा हमें ही तुम..
जोगेंद्र सिंह Jogendra Singh ( 23 June2010_03:20 pm )
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Jogendra Singh ~ जोगेंद्र सिंह..
Comments
4 Responses to “अहसास हूँ मैं..”
Wow brother
c यह अहसास बहुत ही प्यारा है कि हर पल किसी का अनजाना,अपना सा साथ हो !! भाव और शब्द का सुन्दर तालमेल !!
smile @ Amit.. :)
@ सरोज जी.. साथ अनजाना हो चाहे पहचाना उसका अहसास हमेशा ही प्यारा मालूम होता है..
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