वीभत्स मानसिकता कबीलाई
कह क्या पाता इंसान से इंसान
रहा होगा.. दुर्दांत कभी यह भी
पर क्या अंजाम यह जायज़ है ?
_____जोगेंद्र सिंह
( 12 मई 2010_10:40pm )
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Comments
2 Responses to “दुर्दांत”
oohhh itz so hurting!!!!
yes it is.. @ Julie..
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