अनदेखे आँखों में बसे अधूरे स्वप्न..
हो दूर तुम, ले आते स्वप्न करीब तुम्हें..
आहट सी तेरी मिलती हर आहट पे मुझे..
क्यूँ साँसों में समायी खुशबू.. बिन आये तेरे..
_____जोगेंद्र सिंह "Jogendra Singh" ( 18 जून 2010_02:03 pm )
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Jogendra Singh ~ जोगेंद्र सिंह..
Comments
4 Responses to “बिन तेरे”
very nice brother..........:)
kaise ho @ Amit..?
Bahut Sunder ahsaas..Direct Dil se....Very nice.
thank you @ स्वेता ...
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