बेलगाम महत्वाकांक्षायें
Tuesday, 27 July 2010
- By Unknown
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उभरती सोच
@ उभरती सोच @
बेलगाम महत्वाकांक्षायें पूरी तरह से वर्तमान युग को सटीकता से परिभाषित करती हैं.. अधूरी असम्भाव्य महत्वाकांक्षाओं से पार पाना आज के दौर में लाईलाज रोग का सा दर्ज़ा पा चुका है.. इनसे पार पाने के बदले इन्हीं के दलदल में और गहरे धँसते जाना बेवकूफों की नियति बनती जा रही है.. कोई नहीं समझता कि वस्तुस्थिति जो आज है कल बदल भी सकती है, तब क्या करोगे..? है कोई ज़वाब..?
.....(..जोगी..)
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Comments
One response to “बेलगाम महत्वाकांक्षायें”
jogendra singhji ko janm-din ki bahut bahut
badhai evam shubh-kaamnayen
aapne jaayaj sabaal aur samsyayen batayi
बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
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