तुम्हें मिल जाऊँगा.. !!
Tuesday, 20 April 2010
- By Unknown
Labels:
कविता कोष
वे शब्द नहीं मिलते,
जिनसे अपना प्रेम व्यक्त करूँ,
माफ़ करना ख़त संभव नहीं,
झाँक कर देखो मेरी आँखों के दरिया में,
शब्दों का बहता सैलाब नज़र आएगा तुम्हें,
डूबता-ऊबता तुम्हारे प्रेम सागर में,
ढूंढ लेना जाकर मुझे,
तुम्हें मिल जाऊँगा,
वहीँ बहते धारे बीच कहीं !!
_____जोगेंद्र सिंह ( 18 अप्रैल 2010___11:25 pm )
(( Join me on facebook >>> http://www.facebook.com/profile.php?id=100000906045711&ref=profile# ))
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Comments
2 Responses to “तुम्हें मिल जाऊँगा.. !!”
Beautiful expression of innocent love... The poem is full of life, emotions and depth. This reveals the tender heart of the poet.
thanx ◊▬►► Aparna ji...
Post a Comment
Note : अपनी प्रतिक्रिया देते समय कृपया संयमित भाषा का इस्तेमाल करे।
▬● (my business sites..)
● [Su-j Health (Acupressure Health)] ► http://web-acu.com/
● [Su-j Health (Acupressure Health)] ► http://acu5.weebly.com/
.