( यह तस्वीर मेरी क्लिक की हुई है...)
जीवन में आ रही अब देरी जल्दी,
क्या खोना क्या ही कुछ पाना है,
आँखों से तेरी है जग सुन्दर सा,
अब है जाना और पहचाना भी,
विकल हो रही लहर मिल जाने को,
नहीं अकेली वो इस सागर में,
है वह जी रही सागर के संग,
पवन संग है प्रीत वो रखती,
सरसराती आती पवन,
गीत प्रेम के गाती पवन,
कैसे रहती चुप लहर भी,
आने लगी ध्वनी कल-कल,
अद्भुत नज़ारा इस प्रेम क्रीडा का,
मचलते रहे वे सारी रात,
अरमान दिलों से निकलते रहे,
हो रही अठखेलियाँ,
क्या जानते थे वे..
अब आनी है सुबह भी,
देख हकीकत लहर अपनी,
आ बैठी सकते से में,
कैसे भूली वह है जीना सागर के संग,
फिर चाहे हो अपना या ना भी हो,
टपक पड़ीं कुछ बूंदें नमकीन,
जो ढूँढा तो एक ना मिली,
खो बैठीं सागर तन में,
नहीं बस.. यूँ ही...!!
सोच रही थी,
आज या फिर कल,
कम से कम एक बार,
बात कर लेती पवन से,
पर कोई बात नहीं,
उसे पता है.. अच्छी तरह,
कि मेरे और उसके बीच,
कहीं कुछ ठीक नहीं होना,
फिर भी हो कब तक इंतजार,
हैं चुप ख़यालात अब उसके,
क्या कहती वह... बस "अलविदा"
हाँ अलविदा मेरे दोस्त मेरे हमदम...
________जोगेंद्र सिंह ( 28 मार्च 2010 ___ 11:44 am )
(( Join me on facebook >>> http://www.facebook.com/profile.php?id=100000906045711&ref=profile# ))
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Comments
4 Responses to “अनकहा प्रेम...”
agony of one-sided attachment lasts for ever. No one can fill the emptiness and the void created in life.
yes @ Aparna really no one can fill the emptiness of one sided love...
प्यार हर सम्बन्ध का आधार है
प्यार से मन को मिला विस्तार है
ज़िन्दगी निःसार है बिन प्यार के
प्यार जीवन का सहज सिंगार है।
▬● प्रकृति जी , बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ है.........
(my business site ▬● (http://web-acu.com/) )
Post a Comment
Note : अपनी प्रतिक्रिया देते समय कृपया संयमित भाषा का इस्तेमाल करे।
▬● (my business sites..)
● [Su-j Health (Acupressure Health)] ► http://web-acu.com/
● [Su-j Health (Acupressure Health)] ► http://acu5.weebly.com/
.